बदलते मौसम में बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी का गला ख़राब हो सकता है। ऐसा अक्सर वायरस और बैक्टीरिया के संक्रमण के कारण होता है। इसके अलावा धूल, मिट्टी, पानी और तली भुनी चीज़ें खाने से प्रभावित होने की संभावना रहती है। ज़्यादा बातचीत करने, चीखने चिल्लाने, गाने का रियाज़ करने या ऊँची आवाज़ में बोल बोलकर पढ़ने से भी गला ख़राब हो सकता है। गले से जुड़ी समस्याओं को नज़रअंदाज़ करने की बजाय तुरंत सही उपचार करना चाहिए। प्राकृतिक आयुर्वेदिक उपाय गले में दर्द, खांसी, खराश और संक्रमण में काफ़ी राहत देते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर तीन दोषों से मिलकर बना है। ये तीन दोष हैं, कफ़, पित्त और वात। इनकी तुलना वायु, पृथ्वी, अग्नि, पानी और आकाश से की गई है।
प्रत्येक व्यक्ति में किसी एक दोष की प्रधानता होती है जो उसके व्यक्तित्व को दर्शाती है परन्तु आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार किसी भी बीमारी का कारण इन तीन दोषों में गंभीर असंतुलन होना है।
आईये कुछ ऐसे आयुर्वेदिक उपचारों के बारे में जानें जो आपको गले के दर्द को दूर करने में मदद करते हैं। आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार गले के दर्द को दूर करने के लिए आपको अपने आहार और जीवनशैली में आवश्यक परिवर्तन करने होंगे। गले के दर्द को दूर करने के लिए आपको ठंडे, खट्टे और मसालेदार पदार्थों से परहेज़ करना चाहिए।
गले की खरास कारण (Sore Throats Causes) – हानि पहुँचाने वाले किसी पेय की पीना, अत्यधिक ठंडा पानी(Cold Water) , पेट की गर्मी, स्वर नली और कंठ नली को नुक्सान पहुंचाने वाले किसी वस्तु का खाना.
गले की खरास लक्षण (Sore Throats Symptoms) – गले में अंदर दर्द, कंठ नली में खरास, स्वर बैठना(Voice Problem), जो बोलें उसकी आवाज न निकलना , कंठ नली में आंतरिक सूजन(Internal Swelling) .
गले की खरास में यह न करे – कोई भी ठंडी चीज; बर्फ , आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक, शर्बत(Juice) या फ्रिज में रखी वस्तु न खाए पीये.
फ़्रिज से निकालकर ठंडी चीज़ें तुरंत न खाएँ।
चॉकलेट का सेवन करने से बचें।
गरम चीज़ खाने के बाद ठंडी चीज़ मत खाएँ।
तली भुनी मसालेदार और खट्टी चीज़ें न खाएँ।
आयुर्वेद के अनुसार मानव शरीर तीन दोषों से मिलकर बना है। ये तीन दोष हैं, कफ़, पित्त और वात। इनकी तुलना वायु, पृथ्वी, अग्नि, पानी और आकाश से की गई है।
प्रत्येक व्यक्ति में किसी एक दोष की प्रधानता होती है जो उसके व्यक्तित्व को दर्शाती है परन्तु आयुर्वेद के सिद्धांत के अनुसार किसी भी बीमारी का कारण इन तीन दोषों में गंभीर असंतुलन होना है।
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गले की खरास : आयुर्वेद उपाय व घरेलू उपचार (Sore Throats) |
गले की खरास कारण (Sore Throats Causes) – हानि पहुँचाने वाले किसी पेय की पीना, अत्यधिक ठंडा पानी(Cold Water) , पेट की गर्मी, स्वर नली और कंठ नली को नुक्सान पहुंचाने वाले किसी वस्तु का खाना.
गले की खरास लक्षण (Sore Throats Symptoms) – गले में अंदर दर्द, कंठ नली में खरास, स्वर बैठना(Voice Problem), जो बोलें उसकी आवाज न निकलना , कंठ नली में आंतरिक सूजन(Internal Swelling) .
गले की खरास में यह न करे – कोई भी ठंडी चीज; बर्फ , आइसक्रीम, कोल्डड्रिंक, शर्बत(Juice) या फ्रिज में रखी वस्तु न खाए पीये.
गले की खराश से तुरंत राहत पाने के घरेलू उपाय ( Home Remedies of Sore Throats )
- गरम पानी और नमक के गरारे (Gargle of warm water and salt) : जब गले में खराश होती है तो श्लेष्मा झिल्ली (mucous membrane) की कोशिकाओं में सूजन हो जाती है। नमक इस सूजन (swelling) को कम करता है जिससे दर्द में राहत मिलती है। उपचार के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच नमक मिलाकर घोल लें और इस पानी से गरारे करें। इस प्रक्रिया को दिन में तीन बार करें।
- भाप लेना (Steaming) : कई बार गले के सूखने के कारण भी गले में इंफेक्शन की शिकायत होती है। ऐसे में किसी बड़े बर्तन में गरम पानी करके तौलिया से मुंह ढककर भाप लें। ऐसा करने से भी गले की सिकाई होगी और गले का इंफेक्शन भी खत्म होगा। इस क्रिया को दिन में दो बार किया जा सकता है।
- लौंग (Laung or Clove) : लौंग का इस्तेमाल उपचार के लिए सदियों से होता आ रहा है। गले की खराश के उपचार के लिए लौंग को मुंह में रखकर धीरे धीरे चबाना चाहिए। लौंग एंटीबैक्टीरियल गुणों से भरपूर होती है जो गले के इंफेक्शन और सूजन को दूर करती है।
- अदरक (Ginger) : अदरक भी गले की खराश की बेहद अच्छी दवा है। अदरक में मौजूद एंटीबैक्टीरियल गुण गले के इंफेक्शन और दर्द से राहत देते हैं। गले की खराश के उपचार के लिए एक कप पानी में अदरक डाल कर उबालें। इसके बाद इसे हल्का गुनगुना करके इसमें शहद मिलाएं। इस पेय को दिन में दो से तीन बार पीएं। गले की खराश से आराम मिलेगा।
- मसाला चाय (Masala Chai) : लौंग, तुलसी (basil), अदरक और काली मिर्च (black pepper) को पानी में डालकर उबालें, इसके बाद इसमें चाय पत्ती डालकर चाय बनाएं। इस चाय को गरम गरम ही पीएं। यह भी गले के लिए बेहद लाभदायक उपाय है जिससे गले में तुरंत आराम मिलता है।
- बेकिंग सोडा (Baking soda) : गले की खराश दूर करने के लिए बेकिंग सोडा की चाय बेहद फायदेमंद है। कारण, बेकिंग सोडा में एंटी बैक्टीरियल (antibacterial) गुण होते हैं जो कि जीवाणुओं को नष्ट कर देते हैं। इसके लिए एक गिलास गरम पानी में बेकिंग सोडा और नमक मिलाकर दिन में तीन बार गरारे करें।
- लहसुन (Garlic) : लहसुन इंफेक्शन (infection) पैदा करने वाले जीवाणुओं को मार देता है। इसलिए गले की खराश में लहसुन बेहद फायदेमंद है। लहसुन में मौजूद एलीसिन (allicin) जीवाणुओं को मारने के साथ ही गले की सूजन और दर्द को भी कम करता है। उपचार के लिए गालों के दोनों तरफ लहसुन की एक एक कली रखकर धीरे धीरे चूसते रहें। जैसे जैसे लहसुन का रस गले में जाएगा वैसे वैसे आराम मिलता रहेगा। लहसुन का रस निकालने के लिए बीच बीच में दांतों से कुचलते रहें।
- हल्के गर्म पानी में फिटकरी – 1 ग्राम सोडा बाई कार्ब ½ ग्राम अंदर तक गलगला कर कुल्ला करें. दो-दो घंटे पर पांच-छै बार करने से गले की खराब और दर्द समाप्त हो जाएगा।
- मसूर की दाल को औटकर उसके पानी से गलगला करने से भी यह तकलीफ मिट जाती है.
- गले में काँटे जैसा दर्द हो, तो घी-चीनी बराबर मिलाकर दो-दो चमच्च थोड़ी-थोड़ी देर पर खाए।
- इसकी आयुर्वेदिक दवा मुलहठी की जड़ चबाते रहना है।
- अमरुद के पत्ते पीसकर घोलकर छानकर कुल्ला करना या पानी भी रोग मुक्त कर देता है।
खांसी होने पर परहेज़
ठंडा पानी, दही और कोल्ड ड्रिंक का सेवन मत करें।फ़्रिज से निकालकर ठंडी चीज़ें तुरंत न खाएँ।
चॉकलेट का सेवन करने से बचें।
गरम चीज़ खाने के बाद ठंडी चीज़ मत खाएँ।
तली भुनी मसालेदार और खट्टी चीज़ें न खाएँ।
गले की खरास, खांसी : आयुर्वेद उपाय व घरेलू उपचार [Sore Throats]
Reviewed by Mukesh Mali
on
4/05/2017 11:53:00 PM
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