माँ बनाती थी रोटी
पहली गाय की
आखरी कुत्ते की
एक बामणी दादी की
एक मेहतरानी बाई की
...
हरसुबह
सांड आ जाता
दरवाज़े पर
गुड की डली के लिए
कबूतर का चुग्गा
कीड़ीयों का आटा
ग्यारस,अमावस,पूनम का सीधा
डाकौत का तेल
काली कुतिया के ब्याने पर
तेल गुड का हलवा
सब कुछ निकल आता था
उस घर से
जिस में विलासिता के नाम पर
एक टेबल पंखा था
आज सामान से भरे घर से
कुछ भी नहीं निकलता
सिवाय कर्कश आवाजों के
माँ बनाती थी रोटी पहली गाय की
Reviewed by Mukesh Mali
on
10/22/2012 10:29:00 AM
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